आत्मनिर्भर भारत के लिए कंपनियों का नया बिजनेस मॉडल
आत्मनिर्भर भारत के लिए कंपनियों का नया बिजनेस मॉडल
- आत्मनिर्भर भारत के लिए कंपनियों का नया बिजनेस मॉडल
नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। महामारी से त्रस्त अर्थव्यवस्था के बीच आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की ओर कदम बढ़ाते हुए कई कंपनियां अपने व्यावसायिक मॉडल को परिस्थिति के अनुकूल ढाल रही हैं।
विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में कंपनियां अपने बिजनेस मॉडल को अपनाने और नए तरीके से पेश करने की दिशा में काम कर रही हैं।
निप्पॉन पेंट इंडिया के प्रेसिडेंट (ऑटोमोटिव रिफि निशेस एंड वुड कोटिंग्स) शरद मल्होत्रा, भारत में अपने मौजूदा 23 बाजारों से परे ब्रांड की उपस्थिति का सफलतापूर्वक विस्तार करने के लिए मेक इन इंडिया की पहल कर रहे हैं।
मल्होत्रा ने कहा, कोविड के बाद आत्मनिर्भरता हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है। हम चाहते हैं कि हमारे प्रतिभाशाली कर्मचारी पूरे पारिस्थितिक तंत्र का उपयोग करते हुए नए विचार, नई व्यावसायिक अवधारणाओं और नई तकनीक के बिना किसी विदेशी प्रभाव के विकसित करें, जिसे हम अपने व्यापारिक संपर्कों और सामाजिक पहलों के साथ संचालित कर सकें।
मोदी सरकार कंपनियों को नवाचार और अरएंडडी केंद्र बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है जिससे कि वो दुनिया भर के उपभोक्ताओं तक पहुंच सके।
एपीएसी बिजनेस एंड प्रेसिडेंट, कॉरपोरेट अफेयर्स, टेक महिंद्रा के प्रमुख, सुजीत बक्षी का कहना है कि कंपनी स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नवीन और भविष्य के लिए तैयार समाधानों के अनुसंधान और विकास में निवेश करने पर केंद्रित है और इसीलिए सरकार के सहयोग से एक मजबूत आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान कर रही है।
विनिर्माण ब्रांड भारत में अपने व्यापार के लिए और उभरते हुए परिदृश्य में अपने वैश्विक ग्राहकों के लिए एक बड़ा अवसर देख रहे हैं।
हर्षा कदम, सीईओ स्केफ्लर इंडिया और प्रेसिडेंट इंडस्ट्रियल बिजनेस, इस बात से सहमत हैं कि आत्मानिर्भर अभियान ने निश्चित रूप से स्केफ्लर इंडिया जैसे कंपनियों के लिए अवसर खोले हैं, खासकर पवन ऊर्जा, रेलवे, दोपहिया जैसे क्षेत्रों में।
उन्होंने कहा, पिछले दो वर्षों में भारत के भीतर हमारे आक्रामक आरएंडडी और स्थानीयकरण ड्राइव से, विशेष रूप से जब कच्चे माल और घटकों के निर्माण की बात आती है, हमें कई क्षेत्रों में मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिली।
अन्य देशों पर कम निर्भर होने और स्थानीय रूप से उत्पादन करने की दृष्टि के साथ, आत्मनिर्भर भारत अभियान में एक मॉडल बनने की क्षमता है जिसका अन्य देश अनुसरण कर सकते हैं।
एसकेपी/एसजीके