अटल पेंशन योजना के अंशधारकों की संख्या 5 साल में 2.2 करोड़ से ऊपर पहुंची
अटल पेंशन योजना के अंशधारकों की संख्या 5 साल में 2.2 करोड़ से ऊपर पहुंची
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। सरकार की प्रमुख पेंशन योजना अटल पेंशन के अंशधारकों की संख्या योजना शुरू होने के पांच साल में 2.2 करोड़ से ऊपर पहुंच गयी है। पीएफआरडीए ने सोमवार को यह कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल पेंशन योजना (एपीवाई) नौ मई 2015 को शुरू की थी।
इस योजना का मुख्य लक्ष्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को पेंशन व्यवस्था के दायरे में लाना है। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने कहा कि एपीवाई का प्रदर्शन पिछले पांच साल में शानदार रहा। नौ मई 2020 को योजना के तहत पंजीकृत लोगों की संख्या बढ़कर 2,23,54,028 पहुंच गयी।
पीएफआरडीए के अनुसार पहले दो साल में लगभग 50 लाख अंशधारक इससे जुड़े और तीसरे साल में यह संख्या दोगुनी होकर एक करोड़ पर पहुंच गयी। वहीं चौथे साल में यह संख्या बढ़कर 1.50 करोड़ हो गयी। पिछले वित्त वर्ष में योजना से करीब 70 लाख अंशधारक जुड़े। पीएफआरडीए नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) के साथ पेंशन योजना की देखरेख करने वाली नोडल एजेंसी है।
एनपीएस सरकारी कर्मचारियों और संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों की जरूरतों को पूरा करता है। अटल पेंशन योजना का मकसद खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को वृद्धावस्था में आय सुरक्षा प्रदान करना है। इसमें 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाती है।
पीएफआरडीए के अनुसार योजना पूरे देश भर में लागू की गयी है और इसमें पुरूष-महिला अनुपात 57:43 है। एपीवाई देश का कोई भी नागरिक 18 से 40 साल की उम्र में ले सकता है। योजना के लिये जरूरी है कि संबंधित व्यक्ति का बैंक में खाता हो। इसमें 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की पेंशन की गारंटी दी गयी है। योजना की खासियत यह है कि इसमें अंशधारक के निधन होने पर पेंशन उसके पति/पत्नी को दी जाती है। इतना ही नहीं दोनों के निधन के बाद पेंशन कोष में जमा राशि नामित व्यक्ति को दे दी जाती है।