हिमाचल में सेब अर्थव्यवस्था प्रभावित, केंद्र से आयात शुल्क बढ़ाने का आग्रह
व्यापार हिमाचल में सेब अर्थव्यवस्था प्रभावित, केंद्र से आयात शुल्क बढ़ाने का आग्रह
- वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री को राज्य के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेब की पैदावार के लिए प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार से सेब उत्पादकों के हित में सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का आग्रह किया। राज्य सरकार का कहना है कि दूसरे देशों के सेब भारतीय बाजार में आ रहे हैं, जिससे राज्य की सेब अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
इस मांग को लेकर हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को दिल्ली के नार्थ ब्लॉक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य के सेब उत्पादकों के हित में सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के सेब भारतीय बाजार में आ रहे हैं, जिससे राज्य की सेब अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
उन्होंने औद्योगिक विकास अनुदान योजना को दो वर्ष और बढ़ाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह योजना चालू वर्ष में समाप्त हो रही है।
मुख्यमंत्री ने मंडी हवाई अड्डे के निर्माण के लिए विशेष केंद्रीय सहायता उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता बढ़ाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को आगामी वित्त वर्ष के लिए प्रस्तुत किए गए बजट में महिला सशक्तिकरण योजनाओं पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने के सम्बन्ध में भी विस्तार से जानकारी दी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री को राज्य के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को ही दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी भेंट की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से सिरमौर जिले के ट्रांस गिरि क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र और हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति घोषित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जौनसार क्षेत्र के आसपास के इलाके को पहले ही जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करना क्षेत्र के लोगों की जायज मांग है, क्योंकि इससे 144 पंचायतों की लगभग तीन लाख आबादी लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल इस क्षेत्र के लिए अतिरिक्त और विशेष बजट सुनिश्चित होगा, बल्कि इस क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को भी पूरा किया जा सकेगा।
(आईएएनएस)