2018 में बैंकों को लगी 40 हजार करोड़ की चपत, चार साल में सबसे ज्यादा
2018 में बैंकों को लगी 40 हजार करोड़ की चपत, चार साल में सबसे ज्यादा
- बीते साल बैंकों में हुई धोखाधड़ी के 5 हजार से अधिक मामले सामने आए
- विलफुल डिफाल्टरों के खिलाफ 2571 एफआईआर दर्ज कराई गई
- हीरा करोबारी नीरव मोदी ने पीएनबी को 13 हजार करोड़ की चपत लगाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आरबीआई की एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2018 भारतीय बैंकों के लिए अच्छा नहीं गुजरा। साल 2018 में भारत के बैंकों को 40 हजार करोड़ का चूना लगा है। बैंकों का यह घाटा साल 2017 में हुए नुकसान से 72 फीसदी ज्यादा है। 2017 में बैंकों को 23933 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था।आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार बैंकों को पिछले 4 साल में सबसे ज्यादा घाटा 2018 में हुआ।
2018 रहा बैंक घोटालों का साल
साल 2018 में भारतीय बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला हुआ। फरवरी 2018 में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगी मेहुल चोकसी ने पीएनबी को 13 हजार करोड़ की चपत लगाई थी। बीते 4 सालों में बैंको के साथ हुई धोखाधड़ी के मामलों में 4 गुना बढ़ोतरी हुई है। साल 2013-14 में 10,170 करोड़ रुपये के घोटालों के मामले सामने आए थे। यह आंकड़ा साल 2018 तक बढ़कर 41,167.7 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। 2017-18 में ऑफ-बैलेंस शीट ऑपरेशन, विदेशी मुद्रा लेनदेन, जमा खातों और साइबर गतिविधि से संबंधित धोखाधड़ी के 5 हजार से अधिक मामले सामने आए।
2.33 लाख करोड़ का कर्ज वसूला
वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला के अनुसार सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2014-15 से इस वित्त वर्ष तक फंसे हुए लोन के रूप में 2.33 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है। वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों ने इस साल सितंबर के अंत तक विलफुल डिफाल्टरों (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले) के खिलाफ 2571 एफआईआर दर्ज कराई हैं। लगातार हो रहे घाटे के बाद बैंको ने कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है।