खुद के जन्मदिन को खास नहीं मानती लता मंगेशकर, खुद को बेहतर बनाने के बारे में कही ये बात
खुद के जन्मदिन को खास नहीं मानती लता मंगेशकर, खुद को बेहतर बनाने के बारे में कही ये बात
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। स्वर कोकिला लता मंगेशकर 28 सितम्बर को अपना 90 वां जन्मदिन मनाने वाली हैं। लता के लिए यह जन्मदिन बहुत खास है, क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने उस दिन उन्हें डॉटर ऑफ द नेशन के खिताब से सम्मानित करने की योजना बनाई है। पिछले सात दशकों से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी आवाज का जलवा बिखेर रहीं लता ने अपने जन्मदिन को लेकर ऐसी बात कही, जिससे उनके फैंस का दिल टूट सकता है। साथ ही उन्होंने अपने कॅरियर के शुरुआती दिनों की भी बात की।
लता ने एक इंटरव्यू में अपने जन्मदिन के बारे में कहा कि "इसमें क्या खास है? यह दूसरे आम दिनों की तरह ही है। मैंने कभी खुद को खास नहीं माना। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो ये आपका बड़प्पन है। मैं बस एक आर्टिस्ट हूं और खुद को बेहतर बनाने के लिए हर दिन कोशिश करती हूं।"
जब लता से पूछा गया कि वे खुद को दिन प्रति दिन बेहतर कैसे बनाती हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि "मेरा सबसे बड़ा दोष मेरा उग्र स्वभाव था। बचपन में भी मुझे बहुत गुस्सा आता था। मैं जल्दी गुस्सा कर दिया करती थी। समय बदला और मैं बड़ी हुई। फिर एक ऐसा वक्त आया जब मैंने इस पर विजय पा ली। मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि मेरे भयंकर स्वभाव का अब क्या हो गया है।"
"मैंने अपने माता-पिता से माफी मांगना और माफ करना सीखा है। मैं आज भी इसे फॉलो करती हूं।" आने वाले सिंगर्स के लिए लता ने कहा कि "रियाज... हर गायक को रियाज करना बहुत जरूरी है। मैं आज भी रियाज करती हूं। मुझे फोटोग्राफी और पेंटिंग का भी बहुत शौक है।"
सिंगर से जब सवाल किया गया कि जावेद अख्तर ने आपके गायन को पूर्णता का प्रतीक कहा है। इस पर लता ने कहा कि "मेरे बहुत सारे गाने दोषरहित माने जाते हैं लेकिन वास्तव में उनमें भी गलती होती हैं। जिन खामियों को आप नहीं सुन सकते उन्हें मैं सुन सकती हूं और मेरा विश्वास करें, मैं हर बार अपने गायन में उन खामियों को सुनती हूं।"