द जोया फैक्टर रिव्यू: पर्दे पर चल गया सोनम का लक, मजेदार है फिल्म की कहानी
द जोया फैक्टर रिव्यू: पर्दे पर चल गया सोनम का लक, मजेदार है फिल्म की कहानी
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। सोनम कपूर और दुलकर सलमान स्टारर फिल्म "द जोया फैक्टर" आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म अनुजा चौहान की किताब पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन अभिषेक शर्मा ने किया है। अभिषेक इसके पहले "तेरे बिन लादेन", "शौकीन" और "पोखरण" जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। सोनम और दुलकर सलमान के अलावा फिल्म में संजय कपूर, संजीव शुक्ला, अंगद बेदी, सिंकदर खैर और राहुल खन्ना मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म की कहानी जोया सोलंकी नाम की लड़की पर आधारित है, जो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए लकी चार्म साबित होती है। जोया अपने लक की वजह से अन्धविश्वास को जन्म देती है फिर अंधविश्वास से निकलने में उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह फिल्म में दिखाया गया है।
फिल्म की कहानी की बात की जाए तो 25 अगस्त 1983 को जन्मी जोया (सोनम कपूर) को उसका क्रिकेट प्रेमी परिवार उसे लकी चार्म का खिताब दे देता है। उसके घरवालों को लगता है कि इंडिया के वर्ल्ड कप जीतने में जोया की पैदाइश का हाथ है। उसके बाद से गली का क्रिकेट हो या जोया की जॉब का मामला हर जगह जोया का लक फैक्टर ऐन वक्त पर उसकी डूबती नैया को पार लगा जाता है। पेशे से विज्ञापन जगत में जूनियर कॉपी राइटर का काम करनेवाली जोया को उसकी ऐड एजेंसी इंडियन क्रिकेट टीम का फोटोशूट करने भेजती है। वहां जोया और भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान निखिल खोडा (दुलकर सलमान) पहली नजर में एक-दूसरे के आकर्षण में बंध जाते हैं।
अगले दिन नाश्ते की टेबल पर भारतीय क्रिकेट टीम के साथ नाश्ता करते हुए जब जोया सभी को यह बताती है कि उसके घरवाले क्रिकेट के लिए उसे लकी चार्म मानते हैं, तो टीम के कई खिलाड़ी इस बात से प्रभावित नजर आते हैं। उसी दिन जब इंडिया अविश्वसनीय तरीके से मैच जीत जाती है, तो टीम का यह भरोसा पक्का हो जाता है और वे यह मानने लगते हैं कि जोया क्रिकेट लिए लकी है। हालांकि निखिल को लक के बजाय खिलाड़ियों की मेहनत और प्रतिभा पर विश्वास है। जोया और निखिल का प्यार आगे बढ़ता है और उसी के साथ बढ़ती है, भारतीय क्रिकेट टीम का जोया पर क्रिकेट के लिए लकी चार्म होने का यकीन। यही से शुरू होती है फिल्म की कहानी।
ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम जोया को टीम का लकी मस्कट बनने का प्रस्ताव देता है। ताकि भारतीय टीम वर्ल्ड कप जीत जाए। जोया पहले तो इस प्रस्ताव को नकार देती है, मगर जब टीम का प्लेयर रोबिन (अंगद बेदी) उसके और निखिल के बीच गलतफहमियां पैदा कर देता हैं, तो वह निखिल के सामने अपने लक फैक्टर को साबित करने के लिए उस एक करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर देती है। वर्ल्ड कप में जोया का लक फैक्टर काम आता है या नहीं यह जानने के लिए आपको फिल्म देखना होगा।
इस फिल्म ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। हालांकि फिल्म का फर्स्ट हाफ लाइट है और थोड़ा धीरे आगे बढ़ता है। सेकेंड हॉफ के आते आते फिल्म रफ्तार पकड़ती है। फिल्म में जोया का लक फैक्टर थोड़ा बचकाना जरुर है, लेकिन जोया का यही पागलपन दर्शकों को हंसाने में कामयाब रहा। साथ क्रिकेट के इर्द गिर्द बुनी गई इस फिल्म की कमेंट्री भी आपको हंसाएगी और आप सोच में पड़ जाएंगे कि इस तरह की कमेंट्री क्रिकेट में होती भी है?
अपने किरदार के साथ सोनम ने बहुत न्याय किया है। उन्होंने जोया का किरदार बखूबी निभाया। इस तरह का किरदार वह पहले भी निभा चुकी है। इसलिए सोनम के लिए जोया का किरदार निभाना थोड़ा आसान था। वहीं दुलकर सलमान भी इस फिल्म में बहुत अच्छे लग रहे हैं। उन्होंने अपने लुक से सबका दिल जीता है। वहीं जोया के भाई के रुप में सिंकदर खेर और पिता के रुप में संजय कपूर ने भी अच्छा काम किया है। साथ ही फिल्म का संगीत भी खूबसूरत है। वीकेंड पर अपने दिमाग को स्ट्रेस फ्री रखना चाहते हैं तो आपको यह फिल्म जरुर देखनी चाहिए।