Kangana Vs Shivsena: कंगना रनौत ने तोड़फोड़ के लिए BMC से 2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा, HC में दायर की गई संशोधन याचिका
Kangana Vs Shivsena: कंगना रनौत ने तोड़फोड़ के लिए BMC से 2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा, HC में दायर की गई संशोधन याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में संशोधन किया है और दफ्तर में हुई तोड़फोड़ के लिए BMC से 2 करोड़ का हर्जाना मांगा है। संशोधित याचिका में कहा गया है कि BMC ने कार्यालय के 40 प्रतिशत हिस्से को ध्वस्त कर दिया है, जिसमें झूमर और दुर्लभ कलाकृतियां जैसी मूल्यवान संपत्ति शामिल हैं। उन्होंने इस तोड़फोड़ के बाद संपत्ति को "उपयोग में सक्षम" बनाने के लिए कदम उठाने के लिए अंतरिम राहत भी मांगी।
क्या कहा गया है याचिका में?
संशोधित याचिका में कहा गया है कि कंगना ने बीएमसी के नोटिस का जवाब समय पर दे दिया था। बुधवार सुबह 10.19 बजे किए गए ट्वीट से इसकी पुष्टि की जा सकती है। इसके बावजूद उनके ऑफिस में तोड़फोड़ की कार्यवाही की गई। याचिका में कहा गया है: "यह तस्वीर स्पष्ट रूप से दिखाती है कि पुलिस अधिकारियों और सभी उपकरणों के साथ बीएमसी अधिकारी बंगले को ध्वस्त करने के लिए पहले से ही तैयार थे। इससे पता चलता है कि बीएमसी के बंगले को ध्वस्त करने के उल्टे इरादे थे। याचिका में दावा किया गया कि कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी 9 सितंबर को बंगले पर गए और वार्ड अधिकारी को याचिका की एक कॉपी दी। उन्होंने वार्ड अधिकारी को बताया कि इस मामले की सुनवाई दोपहर 12:30 बजे होगी। हालांकि, बीएमसी ने बंगले को अंदर से लॉक कर दिया और बंगले को ध्वस्त करने का कार्य जारी रखा।
BMC ने कंगना के ऑफिस में तोड़फोड़ की
बता दें कि बीएमसी ने बांद्रा वेस्ट के पाली हिल रोड पर स्थित कंगना रनौत के 48 करोड़ के दफ्तर (मणिकर्णिका फिल्म्ज़) के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। बीएमसी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, हमने कंगना को 24 घंटे का समय दिया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव सरकार को फटकार लगाई और तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है। कंगना ने उनके ऑफिस के वीडियो भी पोस्ट किए थे जिसे BMC ने तोड़ा है। BMC पर महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर बदले की कार्रवाई के आरोप लग रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
कंगना रनौत और शिवसेना के नेताओं के बीच शुरू हुआ ट्वीट वॉर अब ओछी राजनीति तक पहुंच गया है। ये विवाद उस वक्त शुरू हुआ था जब कंगना रनौत ने कहा था कि उन्हें बॉलिवुड के ड्रग लिंक के बारे में काफी कुछ पता है। वह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मदद करना चाहती हैं लेकिन उन्हें सुरक्षा चाहिए। अभिनेत्री ने कहा था कि उन्हें फिल्म माफिया से ज्यादा शहर की पुलिस से डर लगता है। इसके जवाब में संजय राउत ने "सामना" में लिखा था, मुंबई में रहते हुए कंगना का ऐसा कहना शर्मनाक है। राउत ने कहा था, हम उनसे रिक्वेस्ट करते हैं कि कृपया मुंबई न आएं।
संजय राउत की खुली धमकी
इसके बाद कगंना ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत ने मुझे खुली धमकी दी है और मुंबई वापस न आने के लिए कहा है। पहले मुंबई की सड़कों पर आजादी के नारे लगे और अब खुली धमकी मिल रही है। आखिर मुंबई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) जैसा क्यों महसूस कर रही है?" कंगना ने एक और ट्वीट कर कहा था, 9 सितंबर को मुंबई आ रही हूं। किसी के बाप में हिम्मत है तो रोक ले।" इस विवाद के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत ने कंगना को हरामकोर लड़की तक कह दिया था। विवाद के चलते केंद्र ने कंगना को Y सिक्योरिटी भी दी है।
BMC ने कंगना के ऑफिस में तोड़फोड़ की
बीएमसी ने कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले 9 सितंबर को बांद्रा वेस्ट के पाली हिल रोड पर स्थित कंगना रनौत के 48 करोड़ के दफ्तर (मणिकर्णिका फिल्म्ज़) के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। बीएमसी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, हमने कंगना को 24 घंटे का समय दिया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव सरकार को फटकार लगाई और तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है। BMC पर महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर बदले की कार्रवाई के आरोप लग रहे हैं।