Kabir Singh Review: शाहिद-कियारा की लव कैमेस्ट्री और दमदार किरदार के हो जाएंगे कायल, जरुर देखें फिल्म
Kabir Singh Review: शाहिद-कियारा की लव कैमेस्ट्री और दमदार किरदार के हो जाएंगे कायल, जरुर देखें फिल्म
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। शाहिद कपूर और कियारा आडवानी की फिल्म "कबीर सिंह" आज रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म साउथ की सुपरहिट फिल्म "अर्जुन रेड्डी" की कापी है। फिल्म का निर्देशन संदीप रेड्डी वांगा ने किया है। फिल्म में बताया गया है कि जब दो प्रेमी मिलते हैं तो पूरा आसमान जश्न मनाता है, लेकिन जब दो प्रेमी जुदा होते हैं। तब क्या होता है। यहीं इस फिल्म की कहानी है। लड़की के दूर चले जाने के बाद लड़का तबाही के रास्ते पर चल पड़ता है। लोग उसे लाख समझाते हैं, लेकिन वह नहीं समझता।
यह फिल्म अर्जुन रेड्डी की कॉपी है और इतनी ज्यादा कॉपी है कि इसमें डॉयलाग से लेकर सीन्स तक, सब कुछ अर्जुन रेड्डी की तरह हैं। बता दें कबीर सिंह, कबीर राजवीर की कहानी है। कबीर आईआईएम में पढ़ाई करता है और वहां का टॉपर है। सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, वह हर फील्ड में टॉप करता है। वह कॉलेज के फुटबॉल टीम का कप्तान भी है। कबीर की सिर्फ एक ही दिक्कत है, उसे गुस्सा बहुत आता है और इतना गुस्सा आता है कि उससे संभाले नहीं संभलता।
फिर हर इंसान की तरह कबीर की जिंदगी में भी एक लड़की आती है प्रीति। वह कॉलेज के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स में से एक है। प्रीति की सादगी देखकर कबीर को उससे प्यार हो जाता है, लेकिन बाद में ये दोनों जुदा हो जाते हैं और फिर शुरू होता है कबीर का बर्बादी के रास्ते पर चलने का किस्सा। अब कबीर दिन रात शराब पीता है, गांजे से लेकर कोकीन तक सबकुछ करता है और हॉस्पिटल में बतौर सर्जन काम कर रहा है। प्रीति उसके दिमाग से जाती नहीं। किसी और के बारे में सोचना उसकी फितरत नहीं है।
एक्टिंग
फिल्म शाहिद कपूर ने कबीर सिंह के रोल को बखूबी निभाया है। एक जिद्दी, अड़ियल लड़का, जो हमेशा गुस्से में रहता है। ऐसा किरदार निभाना कोई आसान काम नहीं है। एक शराबी का रोल निभाना उससे भी मुश्किल है और शाहिद ने ये काम बहुत ही सरलता से किया है। शाहिद इससे पहले भी इस तरह के रोल निभा चुके हैं और सभी के सभी सुपरहिट रहे हैं।
वहीं कियारा की बात की जाए तो उन्होंने भी प्रीति के रोल को बहुत अच्छे से निभाया है। फिल्म में जिस सादगी की दिखाया गया है, उन्होंने उस सादगी को बरकरार रखा है। कुछ सीन्स में कियारा आपको चौंका भी देती हैं और आप उनके काम की दाद देते हैं। सपोर्टिंग रोल में कबीर के पिता बने एक्टर सुरेश ओबेरॉय, उसके भाई के रोल में अर्जन बाजवा, कॉलेज के डीन में रोल में आदिल हुसैन और बाकी एक्टर्स ने भी बढ़िया काम किया है।
फिल्म का एक किरदार जिसे आप भूल नहीं पाएंगे। वह है शाहिद का दोस्त शिवा। एक्टर सोहम मजूमदार ने फिल्म में कमाल का काम किया है। मतलब इंसान को जिंदगी में दोस्त मिले तो शिवा जैसा मिले वरना ना मिले। कबीर के साथ पढ़ने करने से लेकर उसकी जिंदगी बचाने और बसाने की कोशिश तक शिवा वो सबकुछ करता है जो एक अच्छा दोस्त आपके लिए कर सके, बल्कि उससे भी और बहुत ज्यादा कुछ। फिल्म की लवस्टोरी कमाल है। शाहिद और कियारा की कैमेस्ट्री भी बढ़िया है। उनका प्यार, उनका एक दूसरे को लेकर जुनून और पागलपन आपके सीने में उतर जाता है। फिल्म में शाहिद की परफॉर्मेंस पिछली कई परफॉर्मेंस से बेहतर है।
डायरेक्शन
फिल्म का निर्देशन संदीप वांगा ने किया है। हालांकि उनका निर्देशन अच्छा है और उन्होंने इस फ़िल्म को बढ़िया तरीके से बनाया है। इस फिल्म की अवधि थोड़ी ज्यादा है, जिसे छोटा किया जा सकता था। इसके अंत तक पहुंचते हुए आप इसके जल्द खत्म होने का इंतजार जरूर करने लगते हैं।
म्यूजिक
फिल्म के गाने तो पहले ही दर्शकों के दिलों में जगह बना चुके हैं। म्यूजिक को बॉलीवुड के बढ़िया कंपोजर्स की टीम- मिथुन, अमाल मलिक, विशाल मिश्रा, सचेत-परंपरा और अखिल सचदेव ने बनाया है। इसका एक-एक गाना आपके दिल मे उतरकर आपको बहुत कुछ महसूस करवाता है।
शाहिद और कियारा की लव कैमेस्ट्री, फिल्म के गाने और दमदार एक्टिंग के चलते, एक बार आपको यह फिल्म जरुर देखनी चाहिए।