अनूप जलोटा जन्मदिन विशेष: जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें
अनूप जलोटा जन्मदिन विशेष: जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भजन सम्राट के तौर पर ख्याति प्राप्त अनूप जलोटा का आज जन्मदिन है। अनूप जलोटा का जन्म 29 जुलाई 1953 को नैनीताल में हुआ था। आपको बता दें कि अनूप एक ऐसे गायक हैं, जो ऑल इंडिया रेडियो के अपने पहले ‘ऑडिशन’ में फेल हो गए थे। इसके बाद उनके भजन और गजलें कुछ इस तरह पॉपुलर हुईं कि श्रोता उनके मुरीद हो गए। अनूप को गजल और भजन जैसी गायन की दो मशहूर विधाओं के लिए जाना जाता है, आइए उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें...
संगीत की दुनिया में नाम कमाने वाले अनूप जलोटा को श्रोता पिछले 28 सालों से सुनते आ रहे हैं और उनकी आवाज की जादूगरी के मुरीद रहे हैं। हमेशा गजलों और भजनों के लिए पहचाने जाने वाले अनूप जलोटा की जिंदगी में वो दिन भी आया, जब उन्हें एक बड़े विवाद का सामना करना पड़ा। हम बात कर रहे हैं, बिग बॉस के 12वें सीजन की। जहां अनूप जलोटा का नाम 30 साल की जसलीन मथारू से जुड़ा। इस शो में एंट्री के साथ ही जसलीन ने बताया था कि वह अनूप जलोटा की गर्लफ्रेंड हैं। हालांकि शो से बाहर होने के बाद अनूप ने साफ किया, कि जसलीन उनकी गर्लफ्रेंड हैं। जसलीन सिर्फ उनसे संगीत सीखती हैं और दोनों का रिश्ता गुरु-शिष्य का है।
भजन और गजल दोनोंं से श्रोताओं का दिल जीत लेने वाले अनूप जलोटा के फिल्मी सफर की शुरुआत की कहानी भी दिलचस्व है। अनूप जलोटा के करियर का सबसे बड़ा दिन वह रहा, जब उनकी आवाज अभिनेता मनोज कुमार ने सुनी और फिल्म ‘शिरडी के साई बाबा’ में अनूप का गाना रख दिया। दरअसल अभिनेता मनोज को अनूप की आवाज काफी पसंद आई थी और यही वजह थी कि उन्होंने इस फिल्म में अपून के गाने को शामिल किया। ये फिल्म 70 के दशक के आखिरी सालों में आई थी, फिल्म हिट होने के साथ ही अनूप का नाम संगीत की दुनिया में बढ़ा नाम बन गया और उन्होंने उस दौर के सभी बड़े संगीतकारों के लिए गाना गाया।
छह भाषाओं में 12 सौ से अधिक भजन और गजल के 150 से अधिक एलबम रिलीज कर चुके अनूप जलोटा के गुरु और पिता पुरुषोत्तम दास जलोटा भी जाने माने भजन गायक थे। बचपन में एक कार्यक्रम में अनूप जलोटा ने लखनऊ में ही पहली बार पंडित जसराज जी को सुना था। फिल्मी गायकों में उन्होंने मुकेश और हेमंत कुमार को वहीं सुना। बेगम अख्तर तो लखनऊ में रहती भी थीं तो उन्हें भी अनूप ने सुना। इसके अलावा बिरजू महाराज, गुदई महाराज, किशन महाराज, पंडित रवि शंकर, उस्ताद अली अकबर खान भी अनूप जलोटा के पिता जी के मिलने जुलने वालों में थे।