कंकालों से भरी है यह रहस्यमयी झील, जानें भारत के किस राज्य में है स्थित
Uttarakhand Mystery Lake कंकालों से भरी है यह रहस्यमयी झील, जानें भारत के किस राज्य में है स्थित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत बहुत सारी रहस्मयी घटनाओं के लिए जाना जाता है। इन्हीं में से एक है यहां की अनोखी झील, जो कि कंकालों से भरी हुई है। यह झील हिमालय की चोटियों में स्थित है, जिसे रूपकुंड झील के नाम से जाना जाता है। इसे खास तौर पर यहां मौजूद कंकालों की वजह से पहचान मिली है। भारत की सबसे ऊंची झीलों में सुमार रूपकुंड झील समुद्र से 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
इस झील के आस- पास कई कंकाल बिखरे नजर आते हैं इसलिए इसे कंकालों वाली झील भी कहते हैं। क्या है इस झील का राज और कैसे ऐसी स्थिति निर्मित हुई। कंकालों से घिरी इस झील के बारे में आइए जानते हैं...
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क्या है इसके पीछे का राज
इस झील के बारे में कई कहानियां बताई जाती हैं, इसी में से एक कहानी है वहां के राजा की। कहा जाता है कि राजा ने एक बार झील के पास बने नंदा देवी मंदिर जाकर दर्शन करने का सोचा। नंदा देवी को पहाड़ों की देवी माना जाता है, जब राजा पहाड़ चढ़ने निकले तो उनके साथ उनके यहां काम करने वाले लोग भी साथ जाने लगे। ऐसा माना जाता है पूरे रास्ते उन्होंने खुब हुड़दंग मचाया जिससे नंदा देवी नाराज हो गईं और उन्होंने उन सब पर क्रोध में बिजली गिरा दी जिससे सभी की मौत हो गई।
वहीं कुछ लोग बताते हैं कि यह हड्डियां महामारी की चपेट में आए लोगों की है, जो महामारी की वजह से मारे गए थे और कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह हड्डियां सेना के जवानों की हैं, जिनकी मृत्यु बर्फ के तूफान में फसने से हुई थी। पहली बार इन कंकालों के बारे में 1942 में पता चला था कहा जाता है एक ब्रिटिश फॉरेस्ट गार्ड ने इसके बारे में सबको बताया था। लोगों को लगा कि यह कंकाल जापान के सैनिकों का हो सकता है। ऐसा माना गया कि जो सैनिक दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वहां से गुजर रहे थे वह बर्फ की चपेट में फस कर वहीं मर गए होंगे।
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कब आए होंगे यह लोग?
कई सालों से वैज्ञानिक इन कंकालों पर रिसर्च कर रहें हैं, रिसर्च से यह पता चलता है कि यह सभी कंकाल एक देश के नहीं हैं। यह भारत और उसके आस- पास के देशों के हैं। कुछ कंकाल को ग्रीस और साउथ ईस्ट का बताया गया है। यह सारे कंकाल वहां एक समय पर नहीं आए हैं ऐसा बताया जाता है कि भारत और उसके पास के इलाकों के कंकाल 7वीं से 10वीं शताब्दी में वहां आए थे, ग्रीस और अन्य इलाकों के कंकाल 17वीं से 20वीं शताब्दी में वहां आए थे। अभी तक यह बात साफ नहीं हो पाई है की इन लोगों की मौत कैसे हुई, लेकिन रिसर्च में यह बात साफ हो गई है कि यह किसी महामारी से नहीं मरे। सिर्फ लोगों द्वारा इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी मृत्यु बर्फ में दबने की वजह से हो सकती है।