जानिए स्टार फुटबॉल खिलाड़ियों की अजीब आदतें
जानिए स्टार फुटबॉल खिलाड़ियों की अजीब आदतें
डिजिटल डेस्क। अक्सर हम देखते हैं कि कई लोग जब कुछ अच्छा काम करने जाते हैं तो कुछ ना कुछ अजीब करते हैं। जिससे उन्हें लगता है कि उनके काम सफल होंगे। ऐसा ही कई सारे प्लेयर्स भी करते हैं। किसी भी अहम मैच के लिए जाते वक्त कुछ प्लेयर्स ऐसे होते हैं जो कुछ अजीब हरकतें करते हैं। कोई ग्राउंड में नमक डालता है, तो कोई मैच के पहले गर्म पानी से नहाता है या कोई जमीन चूमता है। ऐसे ही फुटबॉल के कुछ खिलाड़ियों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्हें अक्सर मैच के पहले कुछ ना कुछ अजीब करते देखा गया है।
1. क्रिस्टियानो रोनाल्डो
अपनी मान्यताओं को पूरा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते पुर्तगाल के स्टार प्लेयर क्रिस्टियानो रोनाल्डो। वो रियल मेड्रिड की टीम बस में हमेशा पीछे बैठते हैं। वहीं प्लेन में वह सबसे आगे की सीट लेते हैं। फुटबॉल के मैदान में वे हमेशा अपना दाहिना पैर उठा के घुसते हैं। बस इतना ही नहीं वे हाफ टाइम में अपने बाल जरूर बनाते हैं। अब इन सब के पीछे क्या कारण है ये तो रोनाल्डो ही जानें।
2. नेमार
नेमार फुटबॉल के बेहतरीन खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। कई जगहों पर वे कह चुके हैं कि क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लिओनेल मेस्सी तो दूसरे ग्रह से आए हैं। खैर नेमार की अपनी कुछ मान्यताएं हैं। वो हर मैच के पहले अपने पिता को जरूर याद करते हैं। फील्ड में आते समय वो हमेशा अपना दाहिना पैर उठाकर घुसते हैं। इसके बाद घास छू कर प्रार्थना भी करते हैं।
3. सर्खियो खावियर गोइकोचेया
साल 1990 के विश्वकप में अर्जेंटीना के खिलाड़ी सर्खियो ने विपक्षी टीम के पेनल्टी किक को रोकने के लिए फील्ड में पेशाब करने को अपनी आदत बना लिया था। ये विपक्षी टीम को असहज करने का उनका एक तरीका था। इस खिलाड़ी की यह ट्रिक फाइनल में पहुंचने तक तो चल गई लेकिन फाइनल में जर्मनी ने 1-0 से हरा कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली थी।
4. मैनुअल नॉयर
जर्मन टीम के कप्तान और गोलकीपर नॉयर भी कुछ बातों में विश्वास रखते हैं। आमतौर पर नॉयर का एक्शन काफी क्लीन नजर आता है। वे मैच शुरू होने के पहले दोनों टीमों के गोल पोस्ट को छूते हैं। बस इतना ही नहीं, सेकंड हाफ में भी वो यही करते हैं।
5. बास्टियन श्वांसटाइगर
2014 के फुटबॉल विश्वकप के हीरो रहे बास्टियन आज भी करिश्माई खेल के जादूगर माने जाते हैं। पूर्व जर्मन कप्तान अब अमेरिका के शिकागो फायर क्लब के लिए खेलते हैं। बास्टियन की भी कुछ अलग ही मान्यताएं थी। वो गीले मोजे और जूते पहनकर खेलते थे। उन्हें लगता था की इससे उनकी टीम जीत जाएगी।
6. लॉरेंट ब्लैंक और फेबियन बार्थेज
लॉरेंट कई साल तक फ्रांस की टीम की कप्तानी संभालते रहे। हर अंतर्राष्ट्रीय मैच के पहले वह अपने साथी खिलाड़ी फेबियन बार्थेज के गंजे सर को चूमते थे। और शायद यही उनके टीम के लिए गुडलक लेकर आया। इसके बाद उन्होंने कई सारे मैचेस जीते, जिसके कारण टीम के अन्य खिलाड़ी भी फेबियन के गंजे सर को चूमने लग गए थे। सारे खिलाड़ी एक लाइन में खड़े होकर फेबियन का सर चूमने जाते थे।
7. ग्रेड मुलर
फुटबॉल के जूते हमेशा आपके साइज के और फिट होने चाहिए। लेकिन जर्मन के पूर्व खिलाड़ी मुलर हमेशा अपने साइज से बड़े जूते पहनते थे। उनका मानना था कि वो इस तरह से अपने पैरों का बेहतर इस्तेमाल कर पाते थे। वहीं ऑस्ट्रेलिया के एक खिलाड़ी योहान एटमायर हमेशा अपने साइज से छोटे जूते पहनकर खेलते थे। उनका कहना था कि जूतों को पैरों में कंडोम की तरह फिट होना चाहिए।
8. गैरी लिनेकर
गैरी इंग्लैंड में फुटबॉल के एक जाने माने खिलाड़ी हैं। 80 के दशक में इनका नाम शानदार स्ट्राइकर में शामिल रहा। लिनेकर वार्मअप सेशन के समय गोल नहीं करते थे। उनका कहना था कि अगर वो अभी गोल करेंगे तो मेन मैच में नहीं कर पाएंगे।
9. एरिक कांतोना
ज्यादातर डॉक्टर फुटबॉल मैच के पहले सन बाथ या गर्म पानी से नहाने से मना करते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि गर्म पानी से नहाना खिलाड़ियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन एरिक जो कि फ्रेंच खिलाड़ी थे उन्होंने इस सलाह को अनदेखा करते हुए मैच वाले दिन पांच मिनट के लिए गर्म पानी से नहाने का नियम बना लिया था।
10. रियल मेड्रिड
आज के समय में रियल मेड्रिड को दुनिया में कौन नहीं जानता। टीम ने 2018 में चैंपियंस ट्रॉफी भी अपने नाम की है, लेकिन 1912 में टीम के लिए ये मुकाबले आसान नहीं थे। पांच साल तक इस टीम ने कोई मैच नहीं जीता था। अपने हार के फेस को खत्म करने के लिए टीम ने फुटबॉल मैदान के बीच में एक लहसुन को गाड़ दिया था। यकीन मानिये इस सीजन में टीम ने स्पेनिश क्लबों की लीग कोपा डेल रे जीत ली।
11. रोमियो अंकोनितानी
रोमियो इटली के ऐसी पीसा क्लब में 1978 से 1994 तक कप्तान रहे। उनका मानना था कि उनके जीतने में नमक की अहम भूमिका है। वे मैच से पहले फील्ड पर नमक डाला करते थे, जितना बड़ा मैच उतना ज्यादा नमक एक बार टीम का विपक्षी टीम से बहुत अहम मुकाबला होने वाला था तब अंकोनितानी ने 26 किलो नमक फील्ड पर डाल दिया था।
12. मारियो जगालो
ब्राज़ील के पूर्व खिलाड़ी और कोच मारियो का 13 नंबर से काफी ज्यादा लगाव है। मरियो मिस्र के संत एंटोनी मारियो की पूजा करते थे। मरियो का घर बिल्डिंग के 13वें माले पर है, उन्होंने शादी भी महीने की 13 तारीख को की थी। जब वो फुटबॉल खेलते थे तब हमेशा 13 नंबर की जर्सी पहनते थे। मारियो की कप्तानी में ब्राजील ने 1994 में विश्वकप अपने नाम किया था।
13. कार्लोस बिलार्डो
1986 में अर्जेंटीना के कप्तान कार्लोस बिलार्डो ने अपनी को पोल्ट्री की चीजें जैसे चिकन, अंडे खाने से मना कर दिया था। वे इसे अशुभ मानते थे। वो मैच से पहले खिलाड़ियों को टूथपेस्ट के ट्यूबों का आदन-प्रदान करने के लिए कहते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि एक मैच के पहले उन्होंने ऐसे ही टूथपेस्ट किसी से उधार ली थी और वो मैच टीम जीत गई थी।
14. जोवानी त्रापातोनी
इटली के कोच जोवानी को लेकर कहा जाता है कि वो काफी अंधविश्वासी थे या ये भी कहा जा सकता है कि वो बहुत धार्मिक थे। अपनी टीम के मैच के पहले वो मैदान पर पवित्र जल छिड़कते थे। उनकी बहन नन थी।
15. योआखिम लोएव
जर्मन टीम के फुटबॉल कोच योआखिम भी लकी चार्म में यकीन रखते थे। कई सालों तक नीला स्वेटर उनका पसंदीदा बना रहा। उनकी इस पसंद की कई फुटबॉल फैंस ने नकल भी की। कई दुकानों में नीले स्वेटर भी खत्म हो गए थे। चैंपियनशिप के बाद उन्होंने यह असली स्वेटर डीएफबी सॉकर म्यूजियम को दान कर दिया। वो आज भी नीले रंग में नजर आते हैं।