जानें दुनिया की सबसे महंगी बिकने वाली कॉफी के टेस्ट और खासियत के बारे में
जानें दुनिया की सबसे महंगी बिकने वाली कॉफी के टेस्ट और खासियत के बारे में
डिजिटल डेस्क। चाय-कॉफी के शौकीन तो सभी होते हैं और फिर आजकल तो दोस्तों के साथ बाहर जाके चाय-कॉफी पीना एक आम बात हो गई, इसलिए हर कभी आप भी अपनों के साथ बाहर जाते रहते होंगे, लेकिन अगर यही कॉफी आपको कुछ ज्यादा ही महंगे दाम पर मिले तो शायद आप कॉफी पीना ही बंद कर दें। आज हम आपको दुनिया की सबसे महंगी बिकने वाली कॉफी के बारे में बता रहे, जिसकी कीमत सुन आप सच में कॉफी पीने से तोबा कर लेंगे। हालांकि इतनी महंगी कॉफी बिकने के पीछे के कारण भी खास हैं। दरअसल यह कॉफी 22 साल पुरानी है और इसकी एक कप कॉफी की कीमत 65 हजार है, जो अपने एक अनोखे टेस्ट के लिए जानी जाती है और इसे तैयार होने में भी करीब दो दशक का समय लगता है। हैरानी वाल बात तो यह है कि सबसे महंगी बिकने वाली इस कॉफी की शुरुआत एक गलती के कारण हुई थी।
कॉफी के मालिक तनाका के मुताबिक जब मैंने डेढ़ साल पुरानी कॉफी को पीस कर बनाया तो उसका टेस्ट आज भी पीने लायक था। साथ ही इसका टेस्ट थोड़ा अलग तरह का था और एक खुशबू भी थी। जिसके बाद से ही मैंने ये तय किया कि अब से मैं सालों तक कॉफी को स्टोर करके रखूंगा और कस्टमरों को पिलाऊंगा। इसके बाद तनाका ने कॉफी को पहले 10 सालों के लिए स्टोर कर बनाया जिसका टेस्ट एक शिरप की तरह लगा। फिर तनाका ने इस कॉफी को 20 सालों तक स्टोर करके रखा और जब 20 साल पुरानी कॉफी को ग्राइंड कर बनाया तो इसका टेस्ट अल्कोहल के जैसा लगा। यह कॉफी लोंगो को काफी ज्यादा पसंद आई, तब से ही इस महंगी कॉफी की शुरुआत हो गई।
जापान के ओसाका शहर में मंच हाउस दुनिया का एकमात्र ऐसा कैफे है, जहां यह कॉफी सर्व की जाती है। इस कैफे के मालिक तनाका ने इस कॉफी की शुरुआत की थी। तनाका पहले आइस कॉफी बेचते थी, इसलिए वो कॉफी को फ्रिज में रखते थे, ताकि उसे जल्दी तैयार किया जा सके। लेकिन एक बार कॉफी के कुछ पैकेट्स फ्रीज में रखकर भूल गए। करीब डेढ़ साल बाद जब तनाका की नजर उन पैकेट्स पर पड़ी तो उन्होंने फेंकने की जगह उसकी कॉफी तैयार की। तनाका देखना चाहते थे कि इस कॉफी के स्वाद में कितना फर्क आया है।
इस महंगी कॉफी को बनाने के लिए कॉफी के बीज को पीसने के बाद कपड़े से छानते हैं, इसके बाद इसके ऊपर गर्म पानी डाला जाता है। ऐसा करने से कॉफी की पहली बूंद को गिरने में 30 मिनट लगते हैं, लेकिन इसका जो स्वाद होता है, एकदम जबरदस्त होता है। इसके बाद इस तरल कॉफी को लकड़ी के बैरल में स्टोर करने के लिए रख दिया जाता है। इस कॉफी को बैरल में लगे नलों के जरिए दो दशक बाद निकाला जाता है। इतने लंबे समय तक स्टोर इस कॉफी का स्वाद चॉकलेटी और शराब जैसा भी होता है।