अजब-गजब: यह है दुनिया का सबसे 'ताकतवर' केकड़ा, इंसान की हड्डियों को भी कर सकता है चकनाचूर
अजब-गजब: यह है दुनिया का सबसे 'ताकतवर' केकड़ा, इंसान की हड्डियों को भी कर सकता है चकनाचूर
डिजिटल डेस्क। दुनिया में कई तरह के जीव-जंतु पाए जाते हैं। कुछ तो इतने अजीबो-गरीब जीव होते हैं, जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। एक ऐसे ही जीव के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। इस जीव का नाम है "दैत्य केकडा"। इसे दुनिया का सबसे "ताकतवर" केकड़ा भी कहा जाता है। वैसे तो सामान्य केकड़े का नाम सुनते ही आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसे में इस भूरे रंग के नुकीले काटे वाले केकड़ों को देख पक्का आपके होश उड़ जाएंगे। ये दैत्य केकड़ा इतना ताकतवर होता है कि, ये इंसानों की हड्डियों तक को आसानी से तोड़ सकता है। इतना ही नहीं ये पेड़ पर नारियल को गिराने और उसे मिनटों में तोड़ने में भी एक्सपर्ट होता है।
यह केकड़े सड़ी-गली चीजों को खाकर अपना गुजारा करते हैं। ये दूसरे केकड़ों के कवच तक खा लेते हैं। इनके अंदर सूंघने की क्षमता काफी तेज होती है। इसी वजह से ये अक्सर रात के अंधेरे में अपने खाने की तलाश में बाहर निकलते हैं। इन्हें चोर केकड़ा भी कहा जाता है, क्योंकि ये अक्सर गंदे बर्तन या अन्य सामानों को चुपके से उठाकर ले जाते हैं। हालांकि ये सिर्फ गंदे बर्तनों को ही उठाकर ले जाते हैं, जिनके अंदर से दुर्गंध आती है। अमेरिका की चर्चित महिला पायलट अमेलिया ईयरहार्ट के रहस्यमय तरीके गायब होने में भी 'कोकोनट क्रैब' का ही हाथ बताया जाता है। कहते हैं कि ये केकड़े अमेलिया के शव को टुकड़ों-टुकड़ों में उठाकर अपनी मांद में ले गए होंगे और फिर उसे खा गए होंगे।
इसकी इन्हीं खूबियों के चलते इसे 'कोकोनट क्रैब' भी कहा जाता है। जानकारों के मुताबिक इस केकड़े में नुकीला कांटा काफी मजबूत होता है। यह नारियल के बाहरी कवच को भी आसानी से तोड़ सकता है। इनके अंदर 3300 न्यूटन बल की ताकत होती है। यह केकड़ा दक्षिण पश्चिमी प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में पाया जाता है, एक वयस्क 'दैत्य केकड़े' की लंबाई एक मीटर होती है, जबकि वजन 4.5 किलो के आसपास होता है। इतना ही नहीं समय के साथ इन केकड़ों का रंग भी बदलता जाता है। युवावस्था में ये भूरे रंग के होते हैं और इनके पैरों पर काली धारियां होती हैं। जबकि व्यस्क होने पर ये हल्के बैंगनी या गहरे बैंगनी रंग के हो जाते हैं। हालांकि कुछ केकड़े भूरे रंग के भी रह जाते हैं।