संस्कृति: गाय को साक्षी मानकर वैदिक परंपरा से शादी करेगा सूरत का ये जोड़ा
संस्कृति: गाय को साक्षी मानकर वैदिक परंपरा से शादी करेगा सूरत का ये जोड़ा
डिजिटल डेस्क, सूरत। ऐसा शायद कलयुग में पहले कभी भी नहीं हुआ है कि किसी ने अपनी शादी में गाय को आमंत्रित किया हो। इस आधुनिक दौर में भारतीय संस्कृति को बचाना एक चुनौती बन गई है। इसी बीच गुजरात के सूरत जिले का एक कपल गाय को साक्षी मानकर शादी करना चाहता है। अपनी शादी के लिए वर और वधु पक्ष की ओर से इनविटेशन कार्ड भी बांटे जा चुके हैं। आश्चर्य की बात ये है कि ये कार्ड भी भारत की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत में छपवाए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह शादी वैदिक रीति - रिवाज से होनी है।
तीन फरवरी को होनी है शादी
सूरत में रोहित कुमार अपनी वधु अभिलाषा के साथ 3 फरवरी को सात फेरे लेंगे। दोनों के परिजनों ने गौमाता की शोभायात्रा और गौमाता की साक्षी में शादी की सभी रस्मों को पूरा करने का फैसला किया है। शादी के दौरान दो गाय और एक बछड़े के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। बता दें कि मेहमानों को भेजा गया इनविटेशन कार्ड 5 पन्नों का है।
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पर्यावरण के प्रति जागरूकता
रोहित और अभिलाषा दोनों के परिवार राजस्थान से बिलॉन्ग करते हैं और उनका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और पर्यावरण की रक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना है। शादी में एक रिवाज के अंतर्गत मिट्टी के 5000 ग्लास का इस्तेमाल भी किया जाएगा। बता दें कि अभिलाषा प्रोफेशन से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं और रोहित बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में PhD कर रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पाटीदार समुदाय की दो दुल्हनें सिर पर साफा बांध और हाथ में तलवार लिए घोड़ों पर सवार होकर अपने दुल्हों से विवाह करने पहुंची थीं। इस विवाह में भी वर और वधु दोनों पक्षों ने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देने के लिए रुमाल में निमंत्रण प्रिंट कराया था। साथ ही अपने अतिथियों को प्रदूषण के प्रति जागरूकता के लिए पीपल, नीम और तुलसी के 51-51 पौधें भेंट किए थे। दुल्हनों की बारात का उद्देश्य "महिलाओं के साथ पुरूओं के समान बर्ताव" को प्रेरित करना था।
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