अजब गजब: जुखाम को ठीक करने के लिए खरीदी दवा, नाक में डालते-डालते लग गई स्प्रे की आदत, कई महीनों तक करता रहा स्प्रे के नशे

  • जुखाम ठीक करने वाली दवा की लग गई आदत
  • नाक में डालते डालते हो गए एडिक्ट
  • कई महीनों तक करता रहा नशा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-27 06:15 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खाने पीने की चीज हो या कोई भी सूंघने की चीज हो। किसी भी चीज का ज्यादा उपयोग और उसका नशा हानिकारक साबित हो सकता है। दुनिया में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो बहुत ही अजीब-अजीब चीजों का नशा करते हैं जिसको सुनकर ही हैरानी होती है। ऐसी ही एक खबर सामने आई है जिसमें एक आदमी ऐसी चीज का नशा करता है कि आपके सुनकर होश ही उड़ जाएंगे। उस आदमी ने उस चीज का नशा शुरू किया जिससे उसका इलाज हो रहा था। उसका इलाज ही उसकी बीमारी का कारण बन गया।

क्या है पूरा मामला?

डेली स्टार न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, साउंड डिजाइनर और संगीतकार कर्टिस आरनॉल्ड हार्मर नाम का एक शख्स है जो हेस्टिंग्स में रहता है। करीब 5 साल पहले उसको अचानक जुखाम हुआ था। जिससे उसकी नाक बंद हो गई थी। तब उस आदमी ने नेजल स्प्रे खरीदा था। भारत में भी कई लोग नेजल स्प्रे का इस्तेमाल करते हैं। इससे बंद नाक खुल जाती है। उस आदमी ने नेजल स्प्रे इतना ज्यादा सूंघ लिया कि उसको लत लग गई।

कितने रुपये हुए खर्च?

नेजल स्प्रे ने काम करना शुरू कर दिया और कर्टिस दोबारा आसानी से सांस लेने लगे। लेकिन उनको पता नहीं था कि उनको उस स्प्रे की आदत लग जाएगी। उस व्यक्ति ने करीब 2 साल से लगातार उस नेजल स्प्रे का नशा करता आ रहा था। उस आदमी ने करीब ढाई साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए थे। ज्यादा नशा करने से उनकी नाक अजीब सी लगने लगी थी। उनकी नाक ऐसी हो गई थी कि उसमें पत्थर घुसे हों। उनकी नाक की कंडीशन बिल्कुल कोकेन इस्तेमाल करने वालों जैसी हो गई थी।

एक दिन में कितनी बार करते थे स्प्रे?

वो शख्स ने इंटरव्यू में बताया कि जब वो पहली बार नाक के डॉक्टर के पास गए तो, उन्होंने सबसे पहले ये ही पूछा था कि दिन में कितनी बार वो कोकेन कंज्यूम करते हैं। उन्होंने नाक देखकर कहा कि ऐसा लगता है जैसे वो 18 साल की उम्र से ही हफ्ते में कई बार कोकेन का नशा करता हो। उस आदमी को अक्सर जुखाम हो जाता था जिससे उसको अक्सर सांस लेने में दिक्कत होती थी। उन्हें सोने में भी डर लगता था क्योंकि उनकी नाक बंद हो जाती थी। जिसके चलते वो उसको साथ में लेकर घूमने लगे थे। और दिन में करीब 50 बार स्प्रे करते थे। 

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