ये है दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ का महल
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। हर गुजरते साल के साथ घरती का तापमान बढ़ता जा रहा है। गर्मियां आते ही कामकाजी लोग किसी ठंडी जगह पर जाकर छुट्टियां बिताने की प्लानिंग कर लेते हैं। अगर आप भी आफिस की टेंशन और स्ट्रेस से निजात पाने के लिए कुछ दिनो के लिए कहीं दूर एक ठंडी जगह पर अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ जाना चाहते हैं तो आपके लिए उटाह की ये जगह बेस्ट है। जी हां, यहां का ठंडा मौसम और आइस कैसल दोनों ही आपकी सारी थकान को दूर कर देंगे।
आइस कैसल का इतिहास
आइस कैसल बनाने की सबसे पहली कंपनी साल 2010 में ब्रेंट क्रिस्टेनसेन द्वारा शुरू की गई थी। असल में वो और उनका परिवार कैलिफोर्निया से यूटाह शिफ्ट हो गए थे, और उनके बच्चों को बर्फ में खेलना बेहद पसंद था। उन्हें एक दूसरे पर स्नोबॉल फेंकने और स्नोमैन बनाने में बड़ा मजा आता था। उसी दौरान ब्रेंट के दिमाग में एक आइडिया आया और उन्होंने अपने घर के पीछे एक बर्फ रिंक तैयार कर दिया।
ऐसे पड़ा आइस कैसल नाम
ब्रेंट ने एक स्लाइड के साथ 20 फुट लंबे महल की संरचना तैयार की और एक बर्फ की गुफा भी बनाई। बच्चों ने खेलते खेलते इस जगह का नाम आइस कैसल रख दिया। ब्रेंट ने अपनी खुद की एक टीम बनाई और बर्फ का महल बनाने का फैसला किया। ताकि ये एक पयर्टक स्थान बने जहां लोग अपनी फैमिली के साथ एंजॉय कर सकें।
इतने डिग्री पर होता है महल तैयार
ये एक आउटडोर स्थल है, इस वजह से महल मौसम पर निर्भर करता है। इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए कम से कम दो डिग्री के तापमान में 5 मिलियन गैलन पानी छिड़का जाता है और लगभग तीन सप्ताह के बाद, महल पर्यटको के लिए तैयार हो जाता है।
रोमांचक चीजों की भी कोई कमी नहीं
कई तरह की अलग अलग संरचनाओ के साथ यहां पर स्लाइड्स हैं, क्रॉल ट्यूब्स और स्लॉट केनयन्स भी देखने को मिलते हैं। रात के समय रंगीन एलईडी लाइट्स पूरे महल को रोशन कर देती हैं।
महल के निर्माण में लगता है इतना वक्त
एक शानदार बर्फ का महल मिडवे, यूटाह में सोल्जर हॉलो ओलंपिक स्थल के पास बनाया गया है। उटाह का तापमान प्रत्येक दिन 15 हजार आईसीकल्स को संभाल सकता है। इसी वजह से यहां पर अलग-अलग तरह की संरचनाएं तैयार की जा सकती है। यहां का दैनिक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस कम रहता हैं। इस महल का निर्माण करने में लगभग एक महीना लग जाता है।
Created On :   10 April 2018 3:07 PM IST