एक तिहाई ग्लेशियर 2050 तक हो जाएंगे गायब, जिसमें शामिल है कई प्रसिद्ध स्थल, यूनेस्को की रिपोर्ट ने किया चौंकाने वाला खुलासा

One-third of glaciers will disappear by 2050, including many famous sites, UNESCO report made shocking revelations
एक तिहाई ग्लेशियर 2050 तक हो जाएंगे गायब, जिसमें शामिल है कई प्रसिद्ध स्थल, यूनेस्को की रिपोर्ट ने किया चौंकाने वाला खुलासा
अजब-गजब एक तिहाई ग्लेशियर 2050 तक हो जाएंगे गायब, जिसमें शामिल है कई प्रसिद्ध स्थल, यूनेस्को की रिपोर्ट ने किया चौंकाने वाला खुलासा

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। विश्व में जलवायु परिवर्तन को लेकर कई सारे अभियान चलाए गए हैं। इसी बीच ग्लेशियर को लेकर डराने वाली खबर सामने आई है। पिछले कई वर्षों से लगातार ग्लेशियर पर नजर रखी जा रही है। हाल ही में यूनेस्को की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें साल 2050 तक ग्लेशियर पिघल जाने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि येलोस्टोन और किलिमंजारो नेशनल पार्क के साथ-साथ कई ऐसे विश्व धरोहर स्थलों के ग्लेशियर 2050 तक पिघल जाएंगे। ग्लेशियर को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने चेतावनी देते हुए तेजी से काम करने की अपील की है। गौरतलब है कि यूनेस्को ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण एक तिहाई ग्लेशियर साल 2050 तक पिघल सकते हैं जिसमें 50 विश्व धरोहर स्थल शामिल हैं। 

क्या है पीछे की वजह

यूनेस्को ने बताया कि अगर तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं बढ़ता है तो बाकी दो तिहाई ग्लेशियर को बचाया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि कार्बन डाई ऑक्साइड के अधिक निकलने के कारण साल 2000 से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा हैं। जिससे तापमान में वृद्धि हो रही है। बढ़ते तापमान को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2050 तक किलिमंजारो नेशनल पार्क और माउंट केन्या समेत 50 विश्व धरोहर स्थलों में शामिल एक तिहाई ग्लेशियर पूरी तरह पिघल सकते हैं। 

रिसर्च में शामिल किए गए 1150  से ज्यादा स्थल

साल 1978 से इसपर काम शुरू किया गया था जिसमें 1150 से ज्यादा स्थल को शामिल किया गया है। प्रसिद्ध स्थलों में ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट बैरियर रीफ और ब्राजील में सेंट्रल अमेजन कंजर्वेशन कॉम्पलेक्स जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल शामिल हैं जिसमें अफ्रीका में अंतिम शेष, किलिमंजारो नेशनल पार्क और माउंट केन्या, पाइरेनीज मोंट पेर्डु और इटली के डोलोमाइट्स जैसे ग्लेशियर के पूरी तरह पिघल जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं मिस्त्र में चल रहे संयुक्त राष्ट्र के सीओपी 27 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन शुरू होने से पहले ही इस रिपोर्ट को जारी किया गया था। कार्बन उत्पन करने में पर्यटन इंडस्ट्री का बड़ा योगदान रहा है। रिपोर्ट आने के बाद पर्यटन इंडस्ट्री के सामने चुनौती खड़ी हो गई है। 


 

Created On :   10 Nov 2022 8:37 PM IST

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