चीन की इस अजीबोगरीब परंपरा को जानकर उड़ जाएंगे आपके होश, विदाई के वक्त पीटकर रुलाई जाती है दुल्हन, न रोने पर दी जाती है ये सजा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत में शादी होने के बाद विदाई का समय बड़ा ही मुश्किल होता है। जहां माता- पिता अपनी सबसे बड़ी पूंजी ससुराल वालो को सौंप देते हैं। जिस बेटी को उन्होने बचपन से पाला- पोसा बड़ा किया उसे एक झटके में जिस लड़के को जानते तक नहीं उनसे घर भेज देते हैं। बेटी को ससुराल में दुख मिलेगा या सुख, उसे किसी तरह की कोई दिक्कत तो नही होगी, यही सवाल लड़की के परिजन को सताता रहता है। यही सब सोच- सोच के भावुक हो जाते हैं और आंखो में आंसू आ जाते हैं।
हमारे पड़ोसी मुल्क चीन में भी विदाई की रस्म अदा की जाती है लेकिन थोड़ी हटकर। दरअसल चीन में एक जगह पर दुल्हन को विदाई के समय आंसू बहाने पड़ते हैं, यदि रोते समय दुल्हन के आंसू न निकलें तो उसे पीटकर रुलाया जाता है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि आखिर क्यों इस अजीबोगरीब परंपरा का पालन किया जाता है।
इस तरह हुई इस अजीबोगरीब परंपरा की शुरुआत
यह परंपरा का पालन चीन के दक्षिण पश्चिमी प्रांत सिचुआन के तूजिया जनजाति के लोगों द्वारा किया जाता है। यह जनजाति यहां हजारों सालों से निवास कर रही है। इस जनजाति में विदाई के दौरान दुल्हन का रोना जरुरी माना जाता है। यह परंपरा काफी समय से चलती आ रही हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शादियो में दुल्हन के रोने की प्रथा 17वीं शताब्दी में बहुत ज्यादा प्रचलित थी। कहा जाता है कि इस अनूठी परंपरा की शुरुआत 475 बीसी से 221 बीसी के बीच परंपरा प्रारंभ हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक उस समय जाओ स्टेट की रानी की शादी यैन राज्य में हुई थी। इस शादी में रानी की विदाई के समय उनकी माता बहुत रोई थीं। साथ ही उन्होंने अपनी बेटी से जल्द ही घर वापसी के लिए कहा था। इस घटना के बाद से ही इस अजीबोगरीब परंपरा की शुरुआत हुई थी।
विदाई के समय दुल्हन अगर न रोए तो तूजिया जनजाति के लोग उसे बुरी पीढी मानते हैं। साथ ही पूरे गांव के लोग उसके परिवार का मजाक उड़ाते हैं। इस वजह से परिवार को मजाक और हंसी का पात्र बनने से बचाने के लिए लोग ऐसा करते हैं।
गौरतलब है कि इस परंपरा के साथ ही यहां के दक्षिण पश्चिमी प्रांत मे एक और परंपरा का पालन किया जाता है जो थोड़ी अलग है। इस परंपरा में शादी से एक महीने पहले से ही दुल्हन को किसी भी बड़े हॅाल में बैठना होता है और रात के समय एक घंटे तक रोना होता है। इस परंपरा को लोग जुओ टांग कहते हैं। इसके साथ ही इस परंपरा में 10-10 दिनों के अंतराल से लड़की की माता और लड़की की दादी- नानी, बुआ - मौसी भी लड़की के पास जाकर उसके साथ रोती हैं। इस परंपरा की खासियत है कि रोते हुए रोने वाले गाने भी चलाये जाते हैं।
Created On :   1 Nov 2022 9:07 PM IST