यहां समुद्र की गहराई में मौजूद है एक अनोखी दुनिया, खतरनाक जीवों का है बसेरा

Here is the mysterious world present in the depths of the sea, dangerous creatures are inhabited
यहां समुद्र की गहराई में मौजूद है एक अनोखी दुनिया, खतरनाक जीवों का है बसेरा
अजब-गजब यहां समुद्र की गहराई में मौजूद है एक अनोखी दुनिया, खतरनाक जीवों का है बसेरा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मालदीव में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी अनोखी खोज की है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, यहां के समुद्र में लगभग 1640 फीट की गहराई में रहस्यमयी इकोसिस्टम का पता वैज्ञानिकों ने लगाया है। इस क्षेत्र की सबसे खास बात यहां रहने वाली बेहद खतरनाक शार्क मछलियां हैं। इस जगह का नाम वैज्ञानिकों ने ट्रैपिंग जोन रखा है। 

इस अनूठी जगह को मालदीव के सबसे गहरे समुद्री ज्वालामुखी साथो राहा के पास खोजा गया है। बता दें कि साथो राहा मालदीव की सबसे प्राचीन और विलुप्त ज्वालामुखी है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक जब इस ज्वालामुखी का निर्माण हुआ था तब ये समुद्री सतह से 4921 फीट ऊपर उठ गया था। ट्रैपिंग जोन में पाए जाने छोटे-बड़े समुद्री जीव बेहद आक्रमक स्वाभाव के माने जाते हैं। इन जीवों को माइक्रोनेक्टन नाम दिया गया है। यह जीव आकार में 0.8 से 7.8 इंच लंबे होते हैं। इन जीवों को क्रिल से लेकर मछली तक में वर्गीकृत किया गया है। इन जीवों की खास बात यह है कि दिन के समय ये समुद्र की गहराई में होते हैं जबकि रात के समय यह शिकार के लिए समुद्र की सतह पर आ जाते हैं।

आइए जानते हैं इस अनूठी दुनिया से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

  • ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के मरीन ईकोलॉजिस्ट एलेक्स रोजर्स के मुताबिक ट्रैपिंग जोन में अलग तरह के ईकोसिस्टम होने के सभी लक्षण मौजूद हैं। इन लक्ष्णों की वजह से यहां एक अलग दुनिया का निर्माण हो रहा है। रोजर्स ने संभावना जताई है कि इस तरह जगहें अन्य दूसरे द्वीपों व महाद्वीपों की ढलानों पर भी मौजूद हो सकती हैं। 
  • इस अनोखे ईकोसिस्टम की खोज नेक्टन मालदीव मिशन के एक भाग के रुप में की गई थी। इस मिशन के अंतर्गत मालदीव के सभी रहस्यमयी इलाकों का सर्वे किया जाएगा और उन्हें डॉक्यूमेंट किया जाएगा। इन इलाकों में खोज के लिए मालदीव के 20 प्राकृतिक एटोल के पास समुद्री तट से लगभग 3 हजार 3 सौ फीट नीचे सबमरीनों को भेजा जाएगा। 
  • ट्रैपिंग जोन में छोटे समुद्री जीवों के अलावा शार्क, टयूना और स्पाइकी ओरियो जैसी बड़ी व खतरनाक मछलियां भी पाई जाती हैं। खोज करते समय जब सबमरीन की लाईट मछलियों के झुंड पर पड़ी तो यहां टाइगर शार्क, सिक्सगिल शार्क, सैंड टाइगर शार्क गल्पर शार्क हैमरहेड शार्क और डॉग फिश जैसी बड़ी मछलियां भी नजर आईं। 
  • वैज्ञानिकों के मुताबिक इस अनोखे ईकोसिस्टम के विकास के बारे में जानने के लिए इस इलाके का विस्तार से अध्ययन किया जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार इस अध्ययन से यह जानकारी हासिल की जा सकती है कि इस इलाके में पाए जाने वाले छोटे-छोटे समुद्री जीवों को कैसे संरक्षित किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यहां पाए जाने वाले जीवों के भोजन के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा खतरा है। 

गौरतलब है कि माइक्रोनेक्टन जीव मालदीव के लिए बहुत आवाश्यक हैं क्योंकि पर्यटन के बाद मछली व्यापार ही यहां का सबसे बड़ा उद्योग है। हाल ही में आई अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर जलवायु परिवर्तन ऐसे ही जारी रहा तो अगले 25 से 30 सालों में मालदीव निर्जन हो जाएगा। 

Created On :   29 Oct 2022 8:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story