पुलिसकर्मियों और मिल मजदूरों को 2022 से पहले मिलेगा घर

Police employees and mill workers will get home before 2022
पुलिसकर्मियों और मिल मजदूरों को 2022 से पहले मिलेगा घर
पुलिसकर्मियों और मिल मजदूरों को 2022 से पहले मिलेगा घर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र  में आदिवासी, मिल मजदूर और पुलिस कर्मचारियों को साल 2022 से पहले घर मिल जाएगा। सरकार ने ट्रांजिट कैंप में रहने वाले परिवारों को स्थायी रूप से आवास देने के लिए नीति बनाई है। राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय (डीजीआईपीआर) के कार्यक्रम "मैं मुख्यमंत्री बोल रहा हूं" का प्रसारण हुआ। जिसमें CM देवेंद्र फडणवीस ने यह ऐलान किया।

CM ने कहा कि राज्य में हसभी को घर देने की योजना को प्राथमिकता से लागू किया जा रहा है। CM ने कहा कि योजना ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में लागू है। ग्रामीण इलाकों में 3 लाख 4 हजार घर मंजूर हुए हैं। इसमें से 25 हजार आवास का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्गों को 1 लाख 50 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। इसी के अनुसार रमाई और शबरी योजना के माध्यम से एक लाख रुपए से कम वार्षिक आय वालों को आवास दिया जा रहा है। जिन लाभार्थियों के पास खुद की जगह नहीं होगी, उनको पंडित दीनदयाल उपाध्याय आर्थिक योजना के तहत जगह खरीदने के लिए 50 हजार रुपए की निधि दी जाती है। CM ने बताया कि शबरी योजना के तहत बीते साल 25 हजार घर मंजूर किए गए हैं, जिसमें से 2 हजार घरों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। फडणवीस ने बताया कि राज्य के छोटे शहरों में जिन लोगों के पास रहने के लिए आवास नहीं है, ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई है। 

अभी तक 243 शहरों का प्रस्ताव भेजा गया है और यह योजना राज्य के 142 शहरों में लागू है। फिलहाल जालना, चिखलठाना, नक्षत्रवाडी, पाडेगांव, लातूर, शिवनी, बडनेरा, नांदगावपेठ, बुलढाणा, आडगांव, श्रीरामपुर, पिंपलगांव, मंडार्ली, गोठेघर, बार्वे, शिरूर, सांगली, सातारा, सोलापुर समेत 32 जगहों के काम मंजूर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि महारेरा के तहत 7 हजार बिल्डरों ने पंजीयन कराया है। 4500 एजेंट और 2100 परियोजना का पंजीयन हुआ है।

बीडीडी चाल के पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू

CM ने कहा कि मुंबई के बीडीडी चाल की पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लगभग 16 हजार आवास बनाए जाएंगे। चाल में रहने वाले सभी लोगों को घर मिलेगा। इसके अलावा मुंबई के उपनगर की इमारतों के पुनर्विकास के लिए क्लस्टर डेवलमेंट योजना लागू की गई है। इससे पुरानी इमारतों का विकास जल्द गति से संभव हो सकेगा। CM ने बताया कि GST लागू होने से सीमेंट, लोहा और प्लाईवुड समेत अन्य वस्तुएं कम कीमत पर मिल रही हैं और इस कारण GST का असर भवन निर्माण पर नहीं पड़ा है।

Created On :   21 Aug 2017 12:53 PM GMT

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