याचिका पूर्व सीनेट एडवोकेट फारूक नाईक ने मुजामिल अली की ओर से शनिवार दायर की है. इसमें कहा गया है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की अंतरिम रोक को मानने के लिए पाकिस्तान कानून बाध्य नहीं है। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान से हिरासत में लिया गया था जबकि भारत का कहना है कि जाधव ईरान में अपने बिजनेस के सिलसिले में थे जहां से पाकिस्तान ने उन्हें किडनैप किया और उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज कर लिया है.
इंडिया के पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को जासूसी व संदिग्ध गतिविधि के कारण पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा 10 अप्रैल को फांसी की सजा मुकर्रर की गयी. अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने 18 मई को 46 वर्षीय जाधव की फांसी पर रोक लगा दी. पाकिस्तान ने जाधव के स्वीकारोक्ति वाले बयान का मुद्दा उठाते हुए इंडिया पर इंटरनेशनल कोर्ट के गलत उपयोग का आरोप लगाया. दूसरी ओर इंडिया ने जाधव के स्वीकारोक्ति के बारे में कहा है कि यह पाकिस्तान ने जबरन लिया है. पूर्व आईएसआई अधिकारी व पाकिस्तान आर्मी के लेफ्टीनेंट जनरल, अमजद शोहैब ने इंडिया के उस दावे को स्वीकार किया जिसमें कहा गया है कि कुलभूषण जाधव को ईरान से पकड़ा गया.
]]>Created On :   28 May 2017 9:21 AM GMT