डिफॉल्टर्स या तो लोन चुकाएं या दूसरों के लिए रास्ता साफ करें : जेटली
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वालों से साफ कहा है कि या तो वे कर्ज लौटाएं या फिर दूसरे उद्यमियों के लिए रास्ता साफ करें। उन्होंने कहा कि नए दिवाला कानून ने लोन लेने और देने वाले के बीच के रिश्ते को पलट दिया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल CII द्वारा आयोजित एक बैठक में कर्ज के दबाव में फंसी कंपनियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके पुराने फंसे कर्ज (एनपीए) की समस्या का समाधान करने के पीछे मूल उद्देश्य कारोबार को समाप्त करना नहीं है, बल्कि उसे बचाना है। यह काम चाहे इन कंपनियों के मौजूदा प्रवर्तक खुद करें अथवा अपने साथ नया भागीदार जोड़कर करें या फिर नए उद्यमी आएं और यह सुनिश्चित करें कि इन मूल्यवान संपत्तियों को संरक्षित रखा जा सके।
उन्होंने नए दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून की जरूरत को बताते हुए कहा कि लोन वसूली ट्राइब्यूनल्स के अपना काम प्रभावी तरीके से नहीं करने और उनके असफल रहने की वजह से यह कानून लाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रतिभूतिकरण और वित्तीय आस्तियों का पुनर्गठन एवं प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन (सरफेइसी) कानून शुरू के 2-3 सालों के दौरान एनपीए को प्रभावी ढंग से नीचे लाने में सफल रहा था। लेकिन उसके बाद लोन वसूली ट्राइब्यूनल्स उतने प्रभावी नहीं रहे, जितना समझा गया था। इसकी वजह से नया कानून लाना पड़ा।
Created On :   20 Aug 2017 6:44 AM GMT