ज्योतिर्लिंग: इस वस्त्र में करने होंगे दर्शन, यहां विराजे हैं नागों के देवता 

Nageshwar Jyotirlinga Temple, where is lives lord of Naag
ज्योतिर्लिंग: इस वस्त्र में करने होंगे दर्शन, यहां विराजे हैं नागों के देवता 
ज्योतिर्लिंग: इस वस्त्र में करने होंगे दर्शन, यहां विराजे हैं नागों के देवता 

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। नागेश्वर मन्दिर एक प्रसिद्ध मंदिर है और शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में 10 वें स्थान पर है। यह गुजरात में द्वारका पुरी से लगभग 17 मील की दूरी पर स्थित है। आज शनि प्रदोष व्रत के अवसर पर हम आपको यहां के आलौकिक दर्शन करा रहे हैं...

सुखों का भोग पापों से छुटकारा

इस पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है। मान्यता है कि जो श्रद्धापूर्वक  इसकी उत्पत्ति और माहात्म्य की कथा सुनेगा वह सारे पापों से छुटकारा पाकर समस्त सुखों का भोग करता है।अंत में भगवान शिव के परम व पवित्र दिव्य धाम को प्राप्त करता है। 

नागों का ईश्वर

हिन्दू धर्म के अनुसार नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर होता है। यह विष आदि से बचाव का सांकेतिक भी है। रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है।  निकटस्थ शहर द्वारका नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जिस जगह पर बना है वहां कोई बसाहट नहीं है, यह मंदिर सुनसान तथा वीरान जगह पर बना हैए निकटस्थ शहर द्वारका ही है। शिव महापुराण के द्वादाश्ज्योतिर्लिंग स्तोत्रं के अनुसार ""नागेशं दारुकावने"" अर्थात नागेश्वर जो द्वारका के समीप वन में स्थित है।


गर्भगृह में प्रवेश के नियम 

मंदिर के नियमों के अनुसार गर्भगृह में प्रवेश से पहले भक्त को अपने वस्त्र उतार कर समीप ही स्थित एक कक्ष में जहां धोतियां रखी होती हैं, धोती पहननी होती है। उसके बाद ही गर्भगृह में प्रवेश किया जा सकता है। शनिदोष, सर्पदोष आदि पूजन के लिए के लिए यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

Created On :   19 Aug 2017 5:18 AM GMT

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