अगहन माह में ऐसे करें शंख की पूजा, मिलेगा लक्ष्मी-विष्णु का आशीर्वाद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। समुद्र मंथन से प्राप्त हुए 14 रत्नों में से शंख भी एक है। विष्णु पुराण में भी इसका उल्लेख प्राप्त होता है। शंख सुख-समृद्धि, विजय का सूचक और विष्णु प्रिय है। अगहन मास अर्थात मार्गशीर्ष में शंख का पूजन परिवार में सुख मंगल सूचनाओं का कारक माना जाता है। कहा जाता है कि शंख के पूजन से भगवान विष्णुदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
पुरातन काल में युद्ध के आगाज और समापन का संदेश भी शंख की ध्वनि के जरिए ही दिया जाता था। समुद्र से मां लक्ष्मी का भी प्रकाट्य हुआ था और उन्होंने विष्णु का वरण किया। इसलिए दक्षिणावर्ती शंख को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।
पूर्ण नहीं होती पूजा
ये भी मान्यता है कि लक्ष्मी पूजन में सदैव ही शंख का उपयोग करना चाहिए। शंख के बिना लक्ष्मी पूजन पूर्ण नहीं माना जाता। इसके अतिरिक्त घर में शंख रखकर प्रतिदिन उसका पूजन करना चाहिए एवं आरती वंदना के पश्चात शंख की ध्वनि घर में सकारात्मकता लेकर आती है।
पंचजन्य शंख, मिलेगा आशीर्वाद
अगहन माह में किसी भी शंख को पंचजन्य शंख मानकर उसका पूजन-अर्चन करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
ऐसे करें पूजा
कुमकुम, चावल, जल का पात्र, कच्चा दूध, सफेद पुष्प, कर्पूर, अगरबत्ती, भोग के लिए नैवेद्य, केसर, इत्र आदि का इस्तेमाल शंख पूजन में करना चाहिए। शंख को पवित्र पात्र में रखकर शुद्ध जल से स्नान कराएं इसके बाद दूध चढ़ाएं। इसके पश्चात कुमकुम, चावल आदि से तिलक करें। इसके बाद ही विष्णु पूजन में इसे बजाएं। मान्यता है कि इसकी अावाज सीधे श्रीहरि के कानाें तक आपकी प्रार्थना काे ले जाती है अौर विष्णु व लक्ष्मी के आशीर्वाद से अापकी मनाेकामना जल्दी ही पूर्ण हाेती है।
Created On :   10 Nov 2017 12:52 PM IST