रेडियो व टीवी पर कार्यशाला: विकास पत्रकारिता का प्रतीक है रेडियो : कुलपति प्रो. सुरेश

विकास पत्रकारिता का प्रतीक है रेडियो : कुलपति प्रो. सुरेश
  • रेडियो कार्यक्रम निर्माण एवं स्क्रिप्ट लेखन" पर एमसीयू में कार्यशाला
  • रेडियो का सेलिब्रिटी म्यूजिक है : आरजे अनादि
  • रेडियो में रचनात्मक गुणों का होना आवश्यक : राजेश भट्ट

डिजिटल डेस्क,भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा "रेडियो कार्यक्रम निर्माण एवं स्क्रिप्ट लेखन" विषय पर स्वामी विवेकानंद सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. के.जी. सुरेश ने दीप प्रज्ज्वलित कर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला के प्रथम दिवस मुख्य वक्ता आरजे अनादि एवं आकाशवाणी भोपाल के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी राजेश भट्ट ने रेडियो प्रोग्राम बनाने से लेकर अच्छी स्क्रिप्ट लिखने के गुण विद्यार्थियों को बताए । इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. मोनिका वर्मा ने कुलपति प्रो. सुरेश एवं दोनों मुख्य वक्ताओं का स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि रेडियो विकास पत्रकारिता का प्रतीक है। लोगों के बीच आज रेडियो पत्रकारिता का प्रतीक बन गया है और जागरुकता पैदा कर रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को रेडियो सुनते रहने को कहा, साथ ही इसके सुनने से होने वाले लाभ के बारे में भी बताया। प्रो. सुरेश ने कहा कि आजादी में एवं देश के विकास में रेडियो का बहुत बड़ा योगदान रहा है। कला को बचाए रखने में रेडियो की अहम भूमिका रही है। रेडियो में प्रायोगिक ज्ञान बहुत जरुरी है ।

प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि एक मजबूत इमारत के लिए नींव का मजबूत होना आवश्यक है, इसी तरह प्रायोगिक ज्ञान के साथ ही सैद्धांतिक ज्ञान का होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एक सेंट्रल स्टूडियो बनाया जाएगा, इसके साथ उन्होंने कहा कि रेडियो के लिए नए उपकरण भी जल्दी लाए जाएंगे जिससे विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि देश में बहुत कम विश्वविद्यालय हैं जिनके अपने स्वयं के रेडियो स्टेशन है। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास अपना खुद का सामुदायिक रेडियो स्टेशन, रेडियो कर्मवीर है।

भोपाल की प्रख्यात आरजे अनादि ने रेडियो प्रोग्राम किस तरह से बनाए जाते हैं, रेडियो जॉकी क्या होता है, उसके क्या कार्य होते हैं, रेडियो जॉकी को अपना काम करते हुए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इन सब महत्वपूर्ण विषयों पर उन्होंने विद्यार्थियों को बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान दी। उन्होंने कहा कि रेडियो का सेलिब्रिटी, म्यूजिक है । रेडियो को मनोरंजन का बहुत अच्छा साधन बताते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अनुशासन के साथ पूरी लगन से यदि आप काम करते हैं तो रेडियो के क्षेत्र में सफलता जरुर मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे इंटर्नशिप जरूर करें, ताकि प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सके ।

आकाशवाणी भोपाल के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी राजेश भट्टस्क्रिप्ट लेखन के लिए आवश्यक तत्वों, स्क्रिप्ट लेखन के प्रकार, स्क्रिप्ट लेखन की शैली किस प्रकार होनी चाहिए इस बारे मे बताया। इसके साथ ही उन्होंने कार्यकम निर्माण के लिए आवश्यक तत्वों पर भी विद्यार्थियों के साथ चर्चा की।वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी भट्ट ने साउंड इफ़ेक्ट, बैकग्राउंड एवं वॉइस मॉडुलेशन की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को स्क्रिप्ट लेखन मे "क्रिएटिविटी" यानी रचनात्मक गुणों का होना कितना आवश्यक है, इस बारे में भी बताया।

Created On :   30 April 2024 4:34 AM GMT

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