एजुकेशन: आरटीई : शिक्षा का बुरा हुआ हाल, 14 हजार सीटों के लिए आए मात्र 568 आवेदन

आरटीई : शिक्षा का बुरा हुआ हाल, 14 हजार सीटों के लिए आए मात्र 568 आवेदन
  • अभिभावक आरटीई के प्रति उदासीन
  • आरटीई के नियमों में बदलाव भी एक कारण
  • ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर की 10 मई

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। बच्चों के अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वंचित एवं दुर्बल घटक के विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी माध्यम की बिना अनुदानित शालाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष आरटीई के अंतर्गत जिले की सरकारी, अनुदानित एवं गैर सरकारी मिलाकर कुल 1225 शालाओं का पंजीयन किया गया है। इन शालाओं में 14 हजार 339 सीटे आरक्षित की गई है। लेकिन इस वर्ष 14 हजार से अधिक सीटों पर अपने पाल्यों को प्रवेश दिलाने के प्रति पालकों में उत्साह दिखाई नहीं पड़ रहा है। जिसका नतीजा यह है कि 16 अप्रैल से शुरू हुई प्रवेश की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के तहत अब तक केवल 568 आवेदन प्राप्त हुए है। पर्याप्त संख्या में आवेदन नहीं मिलने के कारण ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 30 अप्रैल को बढ़ाकर 10 मई कर दी गई है।

गौरतलब है कि गत वर्ष तक आरटीई के अंतर्गत प्रवेश के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते थे। जिसके बाद विद्यार्थियों का चयन करना भी मुश्किल होता था। लेकिन इस वर्ष बड़ी संख्या में सीटे उपलब्ध रहने के बावजूद पालक अपने बच्चों को आरटीई के तहत स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए आवेदन नहीं कर रहे थे। इसका एक बड़ा कारण इस वर्ष आरटीई के नियमों में किया गया एक बदलाव है।

पहले आवेदक विद्यार्थी को उसके घर से 3 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध अंग्रेजी स्कूलों में प्रवेश मिलता था। लेकिन इस वर्ष से बदले गए नियम के तहत अब आवेदक विद्यार्थी को उसके घर के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित निजी अनुदानित, जिला परिषद, नगर परिषद की अंग्रेजी शालाओं में प्रवेश दिया जाएगा। फिलहाल ऑनलाइन आवेदन भरते समय शालाओं के विकल्प में केवल जिला परिषद, निजी अनुदानित, नगर परिषद शालाओं के नाम दिखाई पड़ते है। निजी अंग्रेजी शाला के पर्याय पर क्लिक करने पर ब्लॉक हो जाता है। इससे आरटीई प्रवेश प्रकिया को लेकर पालकों में रोष देखा जा रहा है।

Created On :   4 May 2024 12:22 PM GMT

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